वेलिंग्टन, 15 मई (2025) — न्यूजीलैंड की संसद में पिछले वर्ष नवंबर में किए गए एक शक्तिशाली हाका (माओरी युद्ध नृत्य) प्रदर्शन के कारण देश की सबसे युवा सांसद हाना-रावहिती माईपी-क्लार्क समेत तीन आदिवासी सांसदों को निलंबन का सामना करना पड़ रहा है। यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, लेकिन अब इसे संसद की गरिमा के खिलाफ बताया जा रहा है।
हाना-रावहिती माईपी-क्लार्क, जो माओरी समुदाय से आती हैं, ने अन्य दो माओरी सांसदों के साथ मिलकर संसद के भीतर यह सांस्कृतिक विरोध दर्ज कराया था। इन सांसदों का कहना है कि उन्होंने यह हाका प्रदर्शन माओरी समुदाय के अधिकारों और उनकी आवाज़ को दबाने के विरोध में किया था।
संसद के स्पीकर द्वारा इस मामले को अनुशासन समिति के पास भेजा गया, जिसने इसे "संसद की प्रक्रियाओं और मर्यादा का उल्लंघन" करार दिया है। यदि प्रस्तावित सज़ा पर अमल होता है, तो यह न्यूजीलैंड के संसदीय इतिहास में एक अभूतपूर्व कदम होगा।
इस कार्रवाई की व्यापक आलोचना हो रही है। देश-विदेश में कई लोग इसे माओरी समुदाय की आवाज़ को दबाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से समर्थन की लहर उठी है, जहां लोग #StandWithHana जैसे हैशटैग के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं।
हाना-रावहिती माईपी-क्लार्क ने कहा, “हमने अपने ताताओं (पूर्वजों) की आत्मा को बुलाया, अपनी संस्कृति को जिंदा रखा, और अपने लोगों की आवाज़ को संसद में पहुंचाया। अगर इसके लिए हमें सज़ा मिलती है, तो यह हमारे लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है।”
इस मुद्दे ने देशभर में आदिवासी अधिकारों और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहस छेड़ दी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद इस पर क्या अंतिम फैसला लेती है।