इस्लामाबाद/नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुके पाकिस्तान ने अब जांच में सहयोग देने की पेशकश की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, "हम आतंकवाद के खिलाफ हैं और यदि भारत चाहे तो हम पहलगाम आतंकी हमले की जांच में शामिल होने और सहयोग करने को तैयार हैं।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में अभियान तेज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से लेकर कई बड़े वैश्विक मंचों पर भारत को भारी समर्थन मिल रहा है। इसके बीच पाकिस्तान की छवि लगातार खराब हो रही है, और देश पर कड़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव बन गया है।
'आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा'
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह बयान महज एक दिखावा है। वर्षों से चले आ रहे अनुभवों के अनुसार पाकिस्तान बार-बार अंतरराष्ट्रीय दबाव के समय ऐसे बयान देता रहा है, लेकिन व्यवहारिक रूप में कभी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। भारत पहले ही पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड्स और आतंकी संगठनों के पाकिस्तान कनेक्शन को उजागर कर चुका है।
भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने शहबाज शरीफ के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि "शब्दों की नहीं, कार्यवाही की आवश्यकता है। अगर पाकिस्तान वास्तव में गंभीर है तो उसे आतंकियों और उनके संरक्षकों के खिलाफ बिना देर किए ठोस कदम उठाने चाहिए।"
पहलगाम हमला: एक नजर में
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक तीर्थयात्रियों की बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 26 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई दर्जन घायल हो गए। हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई। भारत ने हमले के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया है।