भारत को तुर्किये की सैन्य भूमिका का बड़ा सबूत, राजस्थान के खेत में मिला जिंदा ड्रोन
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव के बीच एक सनसनीखेज घटनाक्रम सामने आया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ क्षेत्र में पाकिस्तान सीमा से मात्र 12 किलोमीटर अंदर वन विभाग की एक नर्सरी में तुर्किये (तुर्की) का एक जिंदा ड्रोन मिला है।
यह ड्रोन सही-सलामत स्थिति में बरामद हुआ है, जिससे भारत को अब तुर्किये की पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने की बात का ठोस सबूत हाथ लगा है। यह घटना भारत की सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ड्रोन में था विस्फोटक, सेना ने लिया कब्जे में
स्थानीय निवासियों के अनुसार, ड्रोन संभवतः बैटरी डिस्चार्ज होने के कारण जमीन पर सुरक्षित लैंड कर गया। इसमें विस्फोटक सामग्री भी मौजूद थी, जिसे भारतीय सेना ने बड़ी सावधानी से निष्क्रिय कर अपने कब्जे में ले लिया है।
अब इस ड्रोन का उपयोग रिवर्स इंजीनियरिंग के लिए किया जा सकता है, जिससे भारत तुर्किये की सैन्य तकनीक और पाकिस्तान के साथ उसके गठजोड़ की गहराई को समझ सकेगा। इसके अलावा, यह ड्रोन अंतरराष्ट्रीय मंच पर तुर्किये के खिलाफ एक सशक्त सबूत के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
तुर्किये के खिलाफ भारत में बढ़ा विरोध, MoU और कारोबार प्रभावित
पिछले कुछ समय से तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने की घटनाओं को लेकर भारत में विरोध की लहर तेज हो गई है। जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया समेत देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने तुर्किये के साथ अपने आपसी समझौतों (MoUs) को समाप्त कर दिया है।
भारत सरकार ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी ‘Celebi’ का सुरक्षा क्लियरेंस रद्द कर दिया है। इसके साथ ही तुर्की से आने वाले फल, मार्बल और अन्य वस्तुओं के आयात को रोकने का निर्णय व्यापारिक जगत द्वारा लिया गया है।
पर्यटन भी प्रभावित, लोग कर रहे तुर्किये यात्रा रद्द
तुर्किये के पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होने के विरोध में अब भारतीय पर्यटक भी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने तुर्किये की यात्रा रद्द कर दी है। ट्रैवल कंपनियों और एयरलाइनों के अनुसार, तुर्की के लिए बुकिंग में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
निष्कर्ष:
राजस्थान के अनूपगढ़ में मिला यह तुर्की ड्रोन्स भारत के लिए न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुर्किये की भूमिका को उजागर करने वाला बड़ा कूटनीतिक हथियार भी साबित हो सकता है। भारत अब इस घटनाक्रम के माध्यम से तुर्किये-पाकिस्तान गठजोड़ की वास्तविकता को दुनिया के सामने लाने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।