नई दिल्ली।
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के पास एक और छोटे चंद्रमा की खोज की है, जिसे '2024 PT5' नाम दिया गया है। यह 'मिनीमून' पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में अस्थायी रूप से बंधा हुआ एक छोटा क्षुद्रग्रह है, जो कुछ महीनों या वर्षों के लिए हमारे ग्रह की परिक्रमा करता है। इस खोज से यह संकेत मिलता है कि पृथ्वी के पास एक से अधिक मिनीमून हो सकते हैं, जो समय-समय पर हमारी कक्षा में प्रवेश करते हैं।
इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने ऐसे ही मिनीमून 'कामो'ओलेवा' (Kamoʻoalewa) और '2020 CD3' की खोज की थी। ये छोटे खगोलीय पिंड पृथ्वी के उपग्रह नहीं हैं, लेकिन अस्थायी रूप से हमारी कक्षा में फँस जाते हैं और फिर कुछ समय बाद अंतरिक्ष में वापस लौट जाते हैं।
2024 PT5 को हाल ही में अंतरिक्ष निगरानी प्रणाली द्वारा ट्रैक किया गया है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कुछ महीनों तक पृथ्वी की परिक्रमा कर सकता है। इसका आकार लगभग एक छोटी कार जितना है, और यह पृथ्वी से करीब 15,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूम रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सहित कई अंतरिक्ष एजेंसियां इस खोज पर नजर बनाए हुए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे मिनीमून खगोलीय अध्ययन, अंतरिक्ष मिशनों और भविष्य में खनन जैसे उद्देश्यों के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
क्या हैं मिनीमून?
मिनीमून ऐसे छोटे क्षुद्रग्रह होते हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव में आकर थोड़े समय के लिए उसकी परिक्रमा करते हैं। इनका जीवनकाल कुछ सप्ताह से लेकर कुछ वर्ष तक हो सकता है। ये चंद्रमा के मुकाबले बेहद छोटे होते हैं, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इस खोज ने यह संभावना भी जताई है कि भविष्य में पृथ्वी के पास ऐसे और भी मिनीमून खोजे जा सकते हैं, जो अंतरिक्ष की हमारी समझ को और गहरा करेंगे।