ऑस्ट्रेलियाई ध्वज को लेकर विवाद: विक्टोरियन काउंसिल ने स्कूल फ्लायर पर उठे विवाद के बाद लिया बड़ा फैसला रिपोर्ट

ऑस्ट्रेलियाई ध्वज को लेकर विवाद: विक्टोरियन काउंसिल ने स्कूल फ्लायर पर उठे विवाद के बाद लिया बड़ा फैसला रिपोर्ट

विक्टोरिया की मोर्निंगटन पेनिन्सुला शायर काउंसिल ने एक विवादास्पद स्कूल फ्लायर पर उठे तीव्र जनाक्रोश के बाद बड़ा निर्णय लिया है। यह फ्लायर केवल प्राइड प्रोग्रेस, एबोरिजिनल और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर झंडों को दर्शा रहा था, जबकि ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय ध्वज को पूरी तरह से हटा दिया गया था।

सोमवार को सोशल मीडिया पर यह फ्लायर वायरल हुआ, जिसमें निवासियों से किंडरगार्टन पंजीकरण के लिए आग्रह किया गया था। स्थानीय लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें एक ने लिखा, “क्या अब काउंसिल केवल समलैंगिक, एबोरिजिनल और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर समुदायों को ही मान्यता देती है? क्या इसका मतलब है कि बाकी लोग रेट्स (कर) से मुक्त हो गए हैं?”

मंगलवार रात को काउंसिल ने 9-1 मतों से प्रस्ताव पारित करते हुए यह स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी प्रिंट या आधिकारिक दस्तावेज़ में ऑस्ट्रेलियाई ध्वज को “सर्वोच्च सम्मान की स्थिति” में प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य होगा।

काउंसिलर ब्रूस रैंकेन ने यह प्रस्ताव पेश किया और कहा, “यह फ्लायर हमारी नीति के दायरे में नहीं आता। हमें इसे तुरंत सुधारने की आवश्यकता है, ताकि जनता को यह संदेश जाए कि काउंसिल तेजी से और निष्पक्ष रूप से कार्रवाई कर सकती है।”

उन्होंने कहा कि यह नीति अब केवल अधिकारियों की नहीं, बल्कि चुने हुए प्रतिनिधियों की होगी ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न हो।

इस निर्णय के बाद यह स्पष्ट संकेत गया है कि स्थानीय प्रशासन राष्ट्रीय प्रतीकों को दरकिनार करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगा, और सामुदायिक एकता के प्रतीकों का सम्मान सर्वोपरि रहेगा।

फेसबुक पर वायरल हुई फ्लायर की छवि ने पूरे देश में बहस छेड़ दी थी।
अब यह देखना होगा कि अन्य काउंसिल इस घटना से क्या सबक लेते हैं।