ट्रंप ने इमिग्रेशन छापों के विरोध में उठते प्रदर्शनों के बीच लॉस एंजेलेस में नेशनल गार्ड भेजा

ट्रंप ने इमिग्रेशन छापों के विरोध में उठते प्रदर्शनों के बीच लॉस एंजेलेस में नेशनल गार्ड भेजा

वॉशिंगटन डीसी/लॉस एंजेलेस, जून 2025
अमेरिकी राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजेलेस में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच नेशनल गार्ड तैनात करने का आदेश दिया। ये प्रदर्शन हाल ही में देशभर में चलाए जा रहे इमिग्रेशन छापों के खिलाफ हो रहे हैं, जिन्हें ट्रंप समर्थित नीति के तहत अंजाम दिया जा रहा है।

हाल के हफ्तों में अमेरिका के कई शहरों में अप्रवासी समुदायों पर की गई छापेमारी की खबरों ने आक्रोश पैदा किया है। विशेष रूप से लॉस एंजेलेस, सैन फ्रांसिस्को और शिकागो में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय नेताओं का कहना है कि इन छापों से निर्दोष परिवारों में डर और अस्थिरता फैल रही है।

डोनाल्ड ट्रंप, जो 2024 के चुनाव में फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं, ने इन विरोधों को "अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला एजेंडा" बताया है। उन्होंने कहा, "हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे। अवैध आप्रवासन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि ट्रंप की यह कार्रवाई राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है और इससे शांति भंग होने का खतरा है। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली है।

कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूज़म ने ट्रंप की इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य में शांति बनाए रखने के लिए केंद्र की धमकी नहीं, संवाद की ज़रूरत है।

लॉस एंजेलेस में तैनात नेशनल गार्ड के जवानों को फिलहाल संवेदनशील इलाकों में निगरानी के लिए तैनात किया गया है, लेकिन हालात बिगड़ने की स्थिति में बड़ी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया गया है।

इस बीच, अमेरिका में अप्रवासी समुदायों में असमंजस और डर का माहौल बना हुआ है, और देश में मानवाधिकारों को लेकर बहस फिर से तेज हो गई है।