सिडनी में बड़े आवासीय बदलावों की तैयारी: 100 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी, ये होंगे प्रभावित इलाके

सिडनी में बड़े आवासीय बदलावों की तैयारी: 100 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी, ये होंगे प्रभावित इलाके

न्यू साउथ वेल्स (NSW) सरकार द्वारा गठित हाउसिंग डिलीवरी अथॉरिटी (Housing Delivery Authority - HDA) ने फरवरी 2025 में अपनी पहली बैठक के बाद से अब तक 100 से अधिक आवासीय प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सिडनी के तेज़ी से बढ़ते जनसंख्या दबाव को कम करना और किफायती आवास की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।

तीन सदस्यों वाली इस विशेष प्राधिकरण ने अब तक जिन प्रस्तावों को आगे बढ़ाया है, वे प्रमुख रूप से उन उपनगरों में केंद्रित हैं जहां बुनियादी ढांचे की पहुँच बेहतर है और सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध हैं। सरकार के अनुसार, इन इलाकों को ‘उच्च प्राथमिकता वाले आवास ज़ोन’ के रूप में पहचाना गया है।

संभावित रूप से प्रभावित उपनगर:

  • पैरामाटा

  • पेंरिथ

  • लिवरपूल

  • ब्लैकटाउन

  • कैंटरबरी-बैंकस्टाउन

  • राइड

  • कुगी

  • स्ट्रैथफील्ड

  • होर्न्सबी

  • हर्स्टविल और इसके आसपास के क्षेत्र

इन क्षेत्रों में बहु-मंजिला अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स, मिक्स-यूज़ डेवलपमेंट और सोशल हाउसिंग यूनिट्स की योजना बनाई गई है।

क्या कहती है सरकार?

हाउसिंग मिनिस्टर पॉल स्कलिन ने कहा कि यह कदम “NSW की हाउसिंग क्राइसिस को दूर करने के लिए बेहद जरूरी” है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन स्थानों पर आवासीय विकास की योजना है, वहां मौजूदा बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया जाएगा ताकि नए विकास से स्थानीय समुदाय पर अत्यधिक दबाव न पड़े।

स्थानीय प्रतिक्रिया:

हालांकि कुछ समुदायों ने इन प्रस्तावों का स्वागत किया है, वहीं कुछ स्थानीय निवासी और काउंसिलें इससे चिंतित हैं। उन्हें डर है कि इससे उनकी उपनगरीय पहचान और पर्यावरणीय संतुलन पर असर पड़ेगा।

आगे की योजना:

प्राधिकरण आने वाले महीनों में इन प्रस्तावों को कार्यान्वयन चरण में लाने के लिए विभिन्न बिल्डरों और प्लानिंग एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा। इस बीच, पारदर्शिता और सार्वजनिक परामर्श को प्राथमिकता देने का वादा भी किया गया है।

यह स्पष्ट है कि सिडनी आने वाले समय में एक बड़े आवासीय परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है — और इन परिवर्तनों का प्रभाव सिर्फ रियल एस्टेट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय और बुनियादी ढांचे के स्तर पर भी महसूस किया जाएगा।