इंडोनेशिया का निकेल खनन उद्योग विश्व धरोहर स्थल पर संकट की दस्तक

स्वच्छ ऊर्जा के नाम पर यूनेस्को साइट को खतरा, ऑस्ट्रेलियाई कंपनी पर भी उठे सवाल

इंडोनेशिया का निकेल खनन उद्योग विश्व धरोहर स्थल पर संकट की दस्तक

जकार्ता/सिडनी।
इंडोनेशिया के प्राचीन वर्षावनों और जैवविविधता से भरपूर एक प्रतिष्ठित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल को अब भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण है – देश की "गंदी" निकेल खनन इंडस्ट्री, जिसे दुनिया की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति की रीढ़ माना जा रहा है।

निकेल – जो इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और हरित तकनीकों के लिए जरूरी है – का खनन इंडोनेशिया में ज़ोरों पर है। लेकिन हाल ही में इस खनन को सुलावेसी द्वीप स्थित लोरे लिंडु राष्ट्रीय उद्यान के पास तक विस्तारित करने की योजना सामने आई है, जिसने पर्यावरणविदों और वैश्विक समुदाय को हिला दिया है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस योजना में एक ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार (ASX) में सूचीबद्ध कंपनी की भी भागीदारी है। इससे यह सवाल फिर उठने लगा है कि क्या दुनिया की ‘हरित ऊर्जा’ की तलाश स्वयं ही पर्यावरण विनाश का कारण बन रही है?

पर्यावरणीय जोखिम और विरोध

लोरे लिंडु राष्ट्रीय उद्यान न केवल सुलावेसी द्वीप की दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों का घर है, बल्कि यह पारंपरिक आदिवासी समुदायों के जीवन और सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है। खनन के विस्तार से इस पारिस्थितिक तंत्र को अपूरणीय क्षति हो सकती है – जिसमें हजारों प्रजातियों के लुप्त होने और वर्षावन के नष्ट होने का खतरा है।

यूनेस्को और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगठनों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है और इंडोनेशियाई सरकार से अपील की है कि वे विकास और संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखें।

दोहरे मानदंडों की पोल

जहां एक ओर विकसित देश स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात करते हैं, वहीं इन तकनीकों के लिए जरूरी खनिजों की आपूर्ति अक्सर विकासशील देशों के पर्यावरण की कीमत पर होती है। इस मामले ने साफ कर दिया है कि "ग्रीन एनर्जी" की चमकदार तस्वीर के पीछे कितने स्याह पक्ष छिपे हैं।

निष्कर्ष

यह विवाद वैश्विक नीति निर्माताओं के लिए एक चेतावनी है कि यदि स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाना है, तो उसके संसाधनों की प्राप्ति भी नैतिक और पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से की जानी चाहिए। वरना हम जिस हरित भविष्य की कल्पना कर रहे हैं, वह स्वच्छ हो या न हो, निष्पाप बिल्कुल नहीं रहेगा।