खतरनाक फंगस का वैश्विक अलर्ट: इंसानों को अंदर से खा जाने वाली बीमारी की चेतावनी, ऑस्ट्रेलिया भी खतरे में

खतरनाक फंगस का वैश्विक अलर्ट: इंसानों को अंदर से खा जाने वाली बीमारी की चेतावनी, ऑस्ट्रेलिया भी खतरे में

एक नई वैज्ञानिक रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है, जिसमें एक घातक फंगस को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी की गई है — यह वही फंगस है जो इंसानी शरीर को अंदर से खा सकता है। इस भयावह जानकारी ने ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी सतर्क कर दिया है।

क्या है मामला?

मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन के जरिए एक खतरनाक फंगस ग्रुप Aspergillus के तीन प्रकारों — A. fumigatus, A. flavus, और A. niger — का अध्ययन किया है। ये फंगस फेफड़ों को संक्रमित कर जानलेवा बीमारी एस्परगिलोसिस पैदा कर सकते हैं। यह अध्ययन अभी समीक्षा की प्रक्रिया में है, लेकिन इसके शुरुआती निष्कर्ष बेहद गंभीर हैं।

कैसे फैलता है ये फंगस?

शोध के अनुसार, ग्लोबल वॉर्मिंग और जीवाश्म ईंधनों के अत्यधिक उपयोग से ये फंगस तेजी से उत्तरी गोलार्ध के देशों में फैल सकता है — जिसमें अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस शामिल हैं। A. fumigatus ठंडे इलाकों में पनपता है, जबकि A. flavus और A. niger गर्म क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण इन तीनों की पहुंच उत्तरी और तटीय क्षेत्रों तक बढ़ने की आशंका है।

ऑस्ट्रेलिया में क्या होगा असर?

ऑस्ट्रेलिया को भी इस संकट से अछूता नहीं माना जा सकता। अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. नॉर्मन वैन रेजिन के अनुसार, आने वाले वर्षों में विशेष रूप से तटीय इलाकों में A. flavus के मामलों में वृद्धि हो सकती है।

उन्होंने कहा, “मॉडल के मुताबिक A. flavus अब देश के अंदरूनी क्षेत्रों से तटों की ओर बढ़ रहा है, जहां अधिक जनसंख्या रहती है। इसका मतलब है कि अधिक लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं।”

क्यों है ये फंगस खतरनाक?

Aspergillus फंगस सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। यह विशेष रूप से बुजुर्गों, कैंसर और ट्रांसप्लांट मरीजों, या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। कई मामलों में मरीज को एहसास भी नहीं होता कि वह संक्रमित है, जब तक हालत गंभीर न हो जाए।

‘द लास्ट ऑफ अस’ की हकीकत?

यह चेतावनी एक लोकप्रिय टीवी सीरीज़ ‘द लास्ट ऑफ अस’ की याद दिलाती है, जिसमें एक फंगस इंसानों को संक्रमित कर उन्हें ज़ोंबी बना देता है। हालांकि यह काल्पनिक कहानी है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि फंगस से फैलने वाले संक्रमणों की अनदेखी नहीं की जा सकती।

अब क्या करना होगा?

  • अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण प्रणाली को और मज़बूत करना होगा।

  • उच्च जोखिम वाले मरीजों की स्क्रीनिंग ज़रूरी होगी।

  • वातावरण में फंगस के स्तर की निगरानी करनी होगी, खासकर गर्म और आर्द्र तटीय इलाकों में।

  • चिकित्सा शोध में वायरस और बैक्टीरिया के साथ-साथ फंगस पर भी उतना ही ध्यान देना होगा।

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम की समस्या नहीं है, बल्कि यह भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है। ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को पहले से तैयार रहना होगा, ताकि समय रहते इस अदृश्य दुश्मन से निपटा जा सके।