ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश में जबरन विवाह की घटनाएं समाज के उस अंधेरे पहलू को उजागर कर रही हैं, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ऐसी ही एक दर्दनाक कहानी है 21 वर्षीय रुकैया हैदरी की, जिसे उसके जबरन किए गए पति ने बेरहमी से मार डाला। यह मामला अब देश भर में जबरन विवाह की संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
रुकैया की हत्या ने न केवल समुदायों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि उन महिलाओं की दहशत को भी उजागर किया है, जो इसी तरह के जबरन रिश्तों से भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रही हैं। कुछ महिलाओं ने छिपकर रहना शुरू कर दिया है, जबकि कई को सहायता केंद्रों और एनजीओ की मदद लेनी पड़ रही है।
ऑस्ट्रेलियाई कानून में जबरन विवाह अपराध है, लेकिन समुदायों के भीतर यह अब भी जारी है – विशेष रूप से प्रवासी पृष्ठभूमि वाले परिवारों में। कानून विशेषज्ञों का कहना है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में कई बार सांस्कृतिक दबाव, शर्मिंदगी और सामाजिक बहिष्कार जैसी बाधाएं सामने आती हैं।
पुलिस और महिला सुरक्षा संगठनों की रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में जबरन विवाह के मामलों में वृद्धि देखी गई है। कई पीड़िताएं कम उम्र की होती हैं और उन्हें बिना उनकी सहमति के बड़े अंतर वाले रिश्तों में धकेल दिया जाता है।
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस भयावह प्रथा को रोकने के लिए कड़ी सजा, जागरूकता अभियान और समुदायों के बीच संवाद की आवश्यकता है। साथ ही, पीड़ित महिलाओं को आश्रय, कानूनी सहायता और मानसिक परामर्श जैसी सुविधाएं सहज रूप से उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
रुकैया हैदरी की त्रासदी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आधुनिक समाज में भी कितनी महिलाएं परंपरा, प्रतिष्ठा और पितृसत्ता की बेड़ियों में कैद हैं — और कब तक?
यदि आप या कोई जानने वाला जबरन विवाह या घरेलू हिंसा का शिकार है, तो कृपया 1800 RESPECT (1800 737 732) पर संपर्क करें – यह सेवा ऑस्ट्रेलिया में 24x7 उपलब्ध है।