प्रशांत महासागर में एक बड़ा हादसा उस समय सामने आया जब लगभग 3000 कारों से लदा कार्गो जहाज ‘मॉर्निंग मिडास’ में अचानक भीषण आग लग गई। यह जहाज चीन से चलकर मेक्सिको जा रहा था और इसमें लगभग 800 इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) लदे थे।
यह घटना अलास्का से 450 किमी दक्षिण में मंगलवार दोपहर 3:15 बजे (स्थानीय समयानुसार) घटी, जब जहाज से धुआं उठता देख अमेरिका की कोस्ट गार्ड अलास्का डिवीजन को आपातकालीन कॉल प्राप्त हुआ।
22 क्रू मेंबरों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन लिथियम-आयन बैटरियों की जटिलता और आग की तेजी को देखते हुए अंततः जहाज को खाली कर दिया गया। कोस्ट गार्ड के सहयोग से सभी नाविकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
लिथियम-आयन बैटरियां, जो इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होती हैं, आग लगने पर बेहद खतरनाक और नियंत्रण से बाहर हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी आग दो हफ्तों तक जल सकती है, जिससे न केवल माल का नुकसान होता है, बल्कि समुद्री पर्यावरण पर भी खतरा मंडराता है।
फिलहाल जहाज की स्थिति अज्ञात है, लेकिन अंतिम सूचना के अनुसार जहाज से भीषण धुआं निकल रहा था और उसे नियंत्रित करने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी।
यह हादसा ईवी उद्योग की चुनौतियों को उजागर करता है, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय परिवहन के दौरान सुरक्षा उपायों की गंभीरता को। साथ ही यह घटना इलेक्ट्रिक वाहनों की लॉजिस्टिक्स प्रणाली में सुधार की मांग भी उठाती है।
मुख्य बिंदु:
'Morning Midas' जहाज में 3000 कारें, जिनमें 800 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल
आग की वजह मानी जा रही है लिथियम-आयन बैटरियों की चिंगारी
सभी 22 क्रू सदस्य सुरक्षित
घटना ने EV ट्रांसपोर्टेशन की सुरक्षा पर खड़े किए सवाल