सिडनी, 26 मई 2025: ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत शिआओ चियान ने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ की उस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान डार्विन पोर्ट को चीनी कंपनी से वापस लेने की बात कही थी। राजदूत ने इसे "अनैतिक और अनुचित" बताया है।
डार्विन पोर्ट, जिसे 2015 में चीनी कंपनी लैंडब्रिज को 99 साल की लीज़ पर दिया गया था, एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई राजनीति और विदेश नीति का केंद्र बन गया है। पीएम अल्बनीज़ ने चुनाव से पहले संकेत दिए थे कि उनकी सरकार इस सौदे की समीक्षा कर सकती है और ज़रूरत पड़ी तो इसमें प्रत्यक्ष हस्तक्षेप कर लैंडब्रिज से पोर्ट वापस ले सकती है।
राजदूत शिआओ चियान ने कहा, “एक वैध और कानूनी व्यापार समझौते में सरकार का इस प्रकार का हस्तक्षेप न केवल अनुचित है, बल्कि यह नैतिक रूप से भी सवालों के घेरे में आता है। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ऑस्ट्रेलिया की विश्वसनीयता को भी नुकसान हो सकता है।”
चीनी राजदूत ने आगे कहा कि चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्तों में पहले ही तनाव रहा है, और इस तरह की कार्रवाइयाँ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और नुकसान पहुँचा सकती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण की बजाय व्यावसायिक और कूटनीतिक सोच के साथ हल करेगी।
गौरतलब है कि डार्विन पोर्ट उत्तर ऑस्ट्रेलिया का एक प्रमुख बंदरगाह है और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विशेषज्ञ लंबे समय से इस सौदे पर चिंता जताते रहे हैं।
सरकार की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद और मीडिया में चर्चा का विषय बना रहेगा।