चाल्मर्स भ्रमित हैं: वरिष्ठ सांसदों को सुपर टैक्स से राहत पर ब्रैग का सवाल

चाल्मर्स भ्रमित हैं: वरिष्ठ सांसदों को सुपर टैक्स से राहत पर ब्रैग का सवाल

कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया की नई सुपर टैक्स नीति को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। वित्त मंत्री जिम चाल्मर्स पर लिबरल सीनेटर एंड्रयू ब्रैग ने निशाना साधते हुए कहा है कि चाल्मर्स खुद इस टैक्स के प्रावधानों को लेकर "भ्रमित" हैं, क्योंकि यह वरिष्ठ सांसदों को विशेष राहत देता है।

विवाद की जड़ यह है कि कुछ सबसे वरिष्ठ संघीय मंत्री, जिनमें प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ भी शामिल हैं, प्रस्तावित सुपर टैक्स के भुगतान को तब तक टाल सकेंगे जब तक वे सेवानिवृत्त नहीं हो जाते। यह छूट 'परिभाषित लाभ पेंशन योजना' (defined benefit pension schemes) के तहत आने वाले सांसदों और पूर्व जनप्रतिनिधियों को मिल सकती है।

सीनेटर ब्रैग ने इसे “अत्यंत अनुचित” करार दिया और सवाल उठाया कि आम जनता पर बोझ डालने वाली टैक्स योजना में सांसदों के लिए यह विशेष प्रावधान क्यों है। “अगर यह योजना वास्तव में निष्पक्ष होती, तो सभी पर समान रूप से लागू होती,” उन्होंने कहा।

वहीं, रोजगार और कार्यस्थल संबंधी मामलों की मंत्री अमांडा रिशवर्थ ने इस योजना को उचित ठहराते हुए कहा कि “सुपर टैक्स का उद्देश्य अधिकतम आय वाले लोगों से अधिक योगदान लेना है। यह एक संतुलित और न्यायसंगत नीति है।”

लेकिन आलोचकों का मानना है कि इससे यह संदेश जाता है कि सरकार अपने सदस्यों को विशेष छूट देने में लगी है, जबकि आम जनता को टैक्स के बोझ तले दबाया जा रहा है।

सरकार की प्रस्तावित योजना के अनुसार, उच्च मूल्य वाली सुपर योजनाओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाएगा, जिसे 'Division 296' कहा जा रहा है। यह टैक्स उन लोगों पर लागू होगा जिनके पास 3 मिलियन डॉलर से अधिक की सुपर संपत्ति है।

हालांकि यह कहा जा रहा है कि यह नीति केवल एक प्रतिशत पूर्व सांसदों और वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करेगी, लेकिन देरी की अनुमति ने इसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

निष्कर्ष: विपक्ष इस टैक्स नीति को पक्षपातपूर्ण मान रहा है और सरकार से स्पष्टता की मांग कर रहा है कि वरिष्ठ सांसदों को इससे कैसे और क्यों छूट दी जा रही है।

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