सिडनी: ऑस्ट्रेलिया में जानवरों के यौन उत्पीड़न (बेस्टियालिटी) को लेकर वर्तमान कानूनों में बड़ी कमी को उजागर करते हुए न्यू साउथ वेल्स एनिमल जस्टिस पार्टी की सांसद एम्मा हर्स्ट ने नई संघीय एटॉर्नी-जनरल मिशेल रोलैंड से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि बेस्टियालिटी स्वयं एक अपराध है, लेकिन केवल न्यू साउथ वेल्स, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में ही इस अमानवीय कृत्य से जुड़ी सामग्री को रखने, बनाने या वितरित करने पर प्रतिबंध है। देश के अन्य हिस्सों में इस प्रकार की अश्लील और घृणित सामग्री से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए कोई सख्त राष्ट्रीय कानून नहीं है।
कानून की 'दयनीय' स्थिति
सांसद एम्मा हर्स्ट ने कहा, “कई खतरनाक अपराधी सिर्फ इसलिए सजा से बच जाते हैं क्योंकि हमारे कानून में भारी खामियां हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे कानून बच्चों और जानवरों दोनों की रक्षा करें।”
हर्स्ट ने प्रस्ताव रखा है कि कॉमनवेल्थ क्रिमिनल कोड में संशोधन करके ऐसा कानून जोड़ा जाए जो ऑस्ट्रेलिया या विदेशों में जानवरों के यौन उत्पीड़न से जुड़ी सामग्री को बनाने, रखने या इंटरनेट के माध्यम से बांटने पर रोक लगाए। उन्होंने इस विषय पर संघीय स्तर पर एक टास्कफोर्स बनाने की भी मांग की है जो ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई करे।
एडम ब्रिटन का उदाहरण
उन्होंने 2024 में उत्तरी क्षेत्र (Northern Territory) के रहने वाले एडम ब्रिटन के केस का हवाला दिया, जिसे बेस्टियालिटी, पशु क्रूरता और बाल यौन शोषण सामग्री रखने के 60 अपराधों के लिए 10 साल 5 महीने की सजा मिली थी। लेकिन उसे उस सामग्री के निर्माण और वितरण के लिए कोई सजा नहीं मिली, क्योंकि उत्तरी क्षेत्र के कानूनों में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है।
राष्ट्रीय स्तर पर कानून की आवश्यकता
हर्स्ट ने कहा, “जब तक पूरे देश में एक समान और कठोर कानून नहीं होगा, तब तक ऐसे अपराधियों को सजा से बच निकलने का मौका मिलता रहेगा। यह बेहद गंभीर अपराध हैं और इन पर कार्रवाई संघीय स्तर पर प्राथमिकता होनी चाहिए।”
अब सभी निगाहें नई एटॉर्नी-जनरल मिशेल रोलैंड पर हैं, जिनसे देशव्यापी कानून की दिशा में तुरंत कदम उठाने की अपेक्षा की जा रही है।