एडिलेड में गिरफ्तारी के दौरान घायल हुए भारतीय मूल के गौरव कुंडी का निधन, पुलिस कार्रवाई पर जांच शुरू

एडिलेड में गिरफ्तारी के दौरान घायल हुए भारतीय मूल के गौरव कुंडी का निधन, पुलिस कार्रवाई पर जांच शुरू

एडिलेड के एक दिल दहला देने वाले मामले में भारतीय मूल के 42 वर्षीय गौरव कुंडी का निधन हो गया है। बताया गया है कि उन्हें दो सप्ताह पहले पुलिस द्वारा की गई एक गिरफ्तारी के दौरान गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद गुरुवार को उनके परिवार ने उनका लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने का फैसला किया।

मोदबरी नॉर्थ के निवासी गौरव कुंडी को पायनहम रोड, रोयस्टन पार्क में एक महिला के साथ झगड़े की सूचना पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि उन्होंने दोनों के बीच "हिंसक टकराव" देखा, जिसके बाद हस्तक्षेप किया गया।

गिरफ्तारी के दौरान ही कुंडी की तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें गंभीर और अपरिवर्तनीय ब्रेन इंजरी (मस्तिष्क की चोट) हुई है।

परिवार के अनुसार, उन्हें घटना के समय गर्दन पर घुटना रखकर दबाया गया था, जैसा कि अमेरिका के जॉर्ज फ्लॉयड मामले में हुआ था। इसी कारण यह मामला भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

गौरव कुंडी अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। सोशल मीडिया पर उनके बेटे के जन्मदिन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जो उनके पारिवारिक जीवन की झलक देती हैं।

दूसरी ओर, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया पुलिस आयुक्त ग्रांट स्टीवंस ने कहा है कि इस घटना की जांच मेजर क्राइम यूनिट के साथ-साथ एक स्वतंत्र आयुक्तीय जांच के तहत भी की जा रही है। इसमें पुलिस की ट्रेनिंग, नीति और घटनाओं के प्रति प्रतिक्रिया की प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाएगी।

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि घटना स्थल पर कोई गोली नहीं चलाई गई और न ही किसी टेज़र का इस्तेमाल किया गया।

यह मामला एक बार फिर पुलिस के बल प्रयोग और नस्लीय भेदभाव जैसे गंभीर मुद्दों को सामने लाता है। भारत में इस मामले की तुलना सीधे तौर पर अमेरिका के जॉर्ज फ्लॉयड केस से की जा रही है, जिसने 2020 में वैश्विक आंदोलन को जन्म दिया था।

गौरव कुंडी की मौत केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि एक सिस्टम की जिम्मेदारी का सवाल है – जिसका जवाब समाज को मिलना चाहिए।