2002 बाली बम धमाके का मुख्य आरोपी उमर पाटेक अब इंडोनेशिया में चला रहा है कॉफी बिज़नेस, पीड़ितों के परिजनों में गुस्सा

2002 बाली बम धमाके का मुख्य आरोपी उमर पाटेक अब इंडोनेशिया में चला रहा है कॉफी बिज़नेस, पीड़ितों के परिजनों में गुस्सा

2002 के भयावह बाली बम धमाकों में शामिल और विस्फोटकों का मास्टरमाइंड उमर पाटेक अब इंडोनेशिया में एक नया बिज़नेस शुरू कर चुका है। आतंकवाद के अंधे अतीत से निकलकर अब वह “शांति का संदेश” देने का दावा कर रहा है — कॉफी बेचकर।

“मैं बम बनाता था, अब कॉफी बनाता हूं”
उमर पाटेक के नए बिज़नेस की टैगलाइन है: “I concocted bombs, and now I concoct coffee.” इस नए ब्रांड का नाम है "Coffee RAMU 1966 by Umar Patek", जिसे इंडोनेशिया के सुराबाया शहर में एक लोकप्रिय रेस्तरां Hedon Estate के सहयोग से शुरू किया गया है।

इस कदम पर पीड़ितों के परिजन और ऑस्ट्रेलिया समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय में नाराज़गी देखी जा रही है। 12 अक्टूबर 2002 को बाली के कूटा क्षेत्र के दो नाइट क्लबों में हुए बम धमाकों में 202 लोग मारे गए थे, जिनमें 88 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक भी शामिल थे।

जेल से रिहा, अब “शांति का प्रचारक”?
पाटेक को 2011 में पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया था और 2012 में इंडोनेशिया में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन दिसंबर 2022 में उसे पैरोल पर रिहा कर दिया गया, जिससे ऑस्ट्रेलियाई सरकार और पीड़ितों में गहरा आक्रोश पैदा हुआ था। इंडोनेशिया सरकार का कहना था कि पाटेक ने डिरैडिकलाइजेशन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और उसकी जेल में व्यवहार अच्छा रहा।

रेस्तरां और सोशल मीडिया पर प्रमोशन
Hedon Estate नामक रेस्तरां ने न सिर्फ कॉफी बनाने का उपकरण दान दिया है बल्कि सोशल मीडिया पर उमर पाटेक के साथ प्रमोशनल वीडियो भी पोस्ट किए हैं। एक कैप्शन में लिखा है, “जो कभी ज़ख्मों के लिए जाना जाता था, अब कॉफी की ख़ुशबू के लिए जाना जाएगा।”

पीड़ितों के परिवारों की प्रतिक्रिया
ऑस्ट्रेलिया की पूर्व गृह मंत्री क्लेयर ओ'नील ने उमर पाटेक की रिहाई को "बाली बम धमाकों के पीड़ितों के लिए एक भयावह दिन" बताया था। अब उसका सार्वजनिक रूप से बिज़नेस शुरू करना इन घावों को और गहरा कर रहा है।

नया जीवन या संवेदनहीनता?
हालांकि उमर पाटेक अब एक “नए जीवन” की बात करता है और शांति का संदेश फैलाने का दावा करता है, लेकिन जिन परिवारों ने अपनों को खोया, उनके लिए यह किसी अपमान से कम नहीं है।