यूरोप में पर्यटन के खिलाफ फूटा गुस्सा: बार्सिलोना से मेजरका तक सड़कों पर उतरे स्थानीय नागरिक

जल तोपों, धुएं के बम और नारों से विरोध, 'टूरिस्ट वापस जाओ' की गूंज

यूरोप में पर्यटन के खिलाफ फूटा गुस्सा: बार्सिलोना से मेजरका तक सड़कों पर उतरे स्थानीय नागरिक

यूरोप के दक्षिणी देशों में पर्यटन के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है। खासकर स्पेन, इटली और पुर्तगाल में हजारों स्थानीय नागरिकों ने जल तोपों, धुएं के बम, पोस्टरों और नारों के साथ सड़कों पर उतरकर “मास टूरिज़्म” के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।

बार्सिलोना बना विरोध का केंद्र

स्पेन की राजधानी बार्सिलोना में सबसे उग्र विरोध देखा गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने जल तोपों से हमला किया, स्मोक बम छोड़े, और होटलों व दुकानों के बाहर "टूरिस्ट गो होम" के स्टिकर चिपकाए। एक प्रमुख यूथ हॉस्टल का प्रवेश द्वार भी प्रदर्शनकारियों द्वारा टेप से सील कर दिया गया।

पुलिस को हस्तक्षेप कर प्रदर्शनकारियों को शहर की प्रतिष्ठित सग्रादा फैमिलिया बेसिलिका की ओर बढ़ने से रोकना पड़ा।

एक 38 वर्षीय स्थानीय महिला ने कहा, "मैं अपने ही शहर में बोझ महसूस कर रही हूं। बार्सिलोना को पर्यटन पर निर्भर रहने के बजाय एक वैकल्पिक आर्थिक मॉडल को अपनाना चाहिए।"

महंगाई और आवास संकट की चिंता

एक अन्य 31 वर्षीय स्थानीय महिला ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, "यहां आने वाले पर्यटकों के पास हमसे कहीं ज्यादा पैसा है। वे यहाँ पार्टी करने आते हैं और वे मकान किराए पर लेते हैं जिन्हें हम अपनी सैलरी से कभी नहीं ले सकते।"

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका विरोध पर्यटन से नहीं, बल्कि उन रियल एस्टेट कंपनियों और स्पेकुलेटर्स से है जो पर्यटन के नाम पर मुनाफा कमा रहे हैं और स्थानीय लोगों की जिंदगी महंगी और कठिन बना रहे हैं।

मेजरका और सैन सेबास्टियन में भी विरोध

स्पेन के लोकप्रिय पर्यटन स्थल मेजरका में प्रदर्शनकारियों ने एक डबल डेकर टूरिस्ट बस को रोककर फ्लेयर्स जलाए और उस पर बैनर लहराया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह प्रदर्शन "टूरिज़्म मॉडल" के खिलाफ है और लोगों को अगले दिन की रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।

इसी तरह, सैन सेबास्टियन में एक प्रदर्शन आयोजक ने कहा, "हमारा दुश्मन पर्यटक नहीं, बल्कि वे लोग हैं जो पर्यटन की आड़ में स्थानीयों के घरों और जीवन से मुनाफा कमा रहे हैं।"

निष्कर्ष

यूरोप के इन पर्यटन स्थलों पर बढ़ता पर्यटन न केवल स्थानीय संस्कृति और संसाधनों पर बोझ बना है, बल्कि लोगों के लिए जीवन यापन मुश्किल कर रहा है। इन विरोध प्रदर्शनों ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय नागरिक एक संतुलित और ज़िम्मेदार पर्यटन नीति की मांग कर रहे हैं — जो पर्यटन और स्थानीय जीवन दोनों को सम्मान दे।