ऑस्ट्रेलिया के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच स्क्रीन की लत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। वर्ष 4 से 8 तक के छात्रों पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि जूनियर हाई स्कूल के बच्चों की औसत स्क्रीन टाइम प्रतिदिन 9 घंटे तक पहुंच गई है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि कई बच्चे खुद स्वीकार कर रहे हैं कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम उनकी नींद, पढ़ाई और सामाजिक संबंधों को प्रभावित कर रहा है। वे थकान, ध्यान की कमी और अकेलेपन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर पर लंबे समय तक बिताया गया समय बच्चों के मानसिक विकास और व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों के लिए यह एक चेतावनी है कि वे बच्चों की डिजिटल आदतों पर निगरानी रखें और उन्हें संतुलित जीवनशैली की ओर प्रेरित करें।
सरकार और शैक्षिक संस्थाएं भी अब इस दिशा में कदम उठाने की तैयारी में हैं ताकि बच्चों को इस बढ़ती डिजिटल निर्भरता से सुरक्षित रखा जा सके।
निष्कर्ष:
यदि समय रहते इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढ़ी को स्वास्थ्य और समाजिक विकास की गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।